विदेश भेजने के नाम पर लाखों ठगने वाला शाति ठग गिरफ्तार
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देहरादून। लोगों को विदेश भेजने के नाम पर उनसे पैसे लेकर ठगी करने तथा लोगों के पैसों का गबन कर खुद विदेश भागने कि कोशिश करने के एक मामले का खुलासा करते हुए क्लेमेंटाउन पुलिस ने एक युवक को गिरफ्तार किया है।
एसओ क्लेमेटाउन धमेन्द्र रौतेला ने बताया कि धीरज कुमार गुरुंग निवासी इंदिरापुरी फॉर्म क्लेमेंन टाउन द्वारा बताया गया की मैं भारतीय सेना से सेवानिवृत्त हूं, मुझे नौकरी की तलाश थी तो मेरी मुलाकात सन्नी नाहर निवासी ओगल भट्टा, क्लेमेंट टाउन से हुई, जिसने मुझे कनाडा में जी4एस कंपनी में सिक्योरिटी की नौकरी लगाने की बात कही तथा इसके लिए ₹ 100000 का खर्च बताया।
उसके द्वारा नौकरी दिलाने का पक्का भरोसा मुझे दिलाया गया तथा रूपये 1,70,000 सैलरी दिलाने की बात कही गयी। उसके बातों में आकर मैंने फरवरी 2020 में सन्नी को 35000 की धनराशि तथा अपना पासपोर्ट व अन्य कागजात दे दिये। इसके बाद हमारे द्वारा कई बार संपर्क करने पर जब इसने हमें वीजा, विजा अप्रूवल लेटर, व एलएमआईए फार्म स्कैन कर दिये, तो मुझे कुछ संदेह हुआ, जब मेरे द्वारा इन कागजों की जांच पड़ताल की गई तो यह सभी कागज फर्जी पाए गए। सन्नी ने सेना से रिटायर अन्य व्यक्तियों के साथ भी ऐसी धोखाधड़ी की है, जिनमें से मैं कुछ व्यक्तियों को जानता हूं। उक्त संबंध में पीड़ित द्वारा दी गयी लिखित तहरीर के आधार पर थाना क्लेमेंन टाउन पर तत्काल मुकदमा अपराध संख्या 159 / 21 धारा 420 467, 468, 471 आईपीसी पंजीकृत कर विवेचना प्रारंभ की गई। प्रकरण की संवेदनशीलता के दृष्टिगत पुलिस अधिकारियों द्वारा तत्काल अभियुक्त की गिरफ्तारी हेतु आदेशित किया गया, जिसके क्रम में पुलिस अधीक्षक नगर व सहायक पुलिस अधीक्षक/ क्षेत्राधिकारी सदर के पर्यवेक्षण में थाना प्रभारी क्लेमेंट टाउन द्वारा टीम का गठन किया गया। पुलिस टीम द्वारा सटीक पतारसी/ सुराग रस्सी करते हुए अभियुक्त सन्नी नाहर को ओगल भट्टा सुभाष नगर से गिरफ्तार किया गया तथा अभियुक्त की निशान देही पर अभियुक्त के कब्जे से उक्त घटना में प्रयुक्त लैपटॉप, मोबाइल, पासपोर्ट तथा अन्य फर्जी दस्तावेज बरामद किए गए। अभियुक्त को माननीय न्यायालय पेश किया जा रहा है, अभियुक्त पूर्व में भी इस प्रकार के मामले में जेल जा चुका है।
इस दौरान पूछताछ में सन्नी नाहर द्वारा बताया गया कि वह पूर्व में ऐम्फल कंसल्ट कंपनी में एच0आर0 के पद पर कार्य करता था, जिस दौरान उसे यह जानकारी व अनुभव हो गया था कि बेरोजगार लोगों से किस प्रकार रिज्यूम लेकर उनकी नौकरी दिलवाने के संबंध में डील की जाती है, उसके बाद वर्ष 2016 में उसने अपने जीजा पंकज पांडे के साथ मिलकर कुछ लोगों के साथ विदेश भेजने के नाम पर जालसाजी कर उनसे पैसे लिए थे, जिसके संबंध में उसके व उसके जीजा के खिलाफ क्लेमेंन टाउन थाने में दो मुकदमे दर्ज हुऐ थे, जिसमें वह दोनों दोनों जेल गए थे। जेल से रिहा होने के बाद उसके जीजा लखनऊ चले गए और वह फिर लालच में आकर कम समय में अधिक पैसे कमाने के चक्कर में इस प्रकार के कार्य में लग गया। इस बार उसने कनाडा में सिक्योरिटी गार्ड के रूप में जी4एस कंपनी में जॉब लगाने के नाम पर सेना से रिटायर लोगों व अन्य लोगों से रुपए ऐंठने का प्लान बनाया। इसके तहत उसके द्वारा अपने पिताजी, जो कि आर्मी से रिटायरमेंट थे, जिनका स्वर्गवास हो गया है, के जानकारों से संपर्क किया, जिसमें अधिकांश आर्मी के रिटायर सैनिक थे। उनको सिक्योरिटी गार्ड के रूप में कनाडा नौकरी दिलवाने के नाम पर लालच दिया और बताया कि वहां पर आपको 170000 के लगभग सैलरी मिलेगी। इस लालच में काफी लोग तैयार हो गए और फिर उसने धीरज गुरुंग, अनूप कुमार थापा आदि करीब 30- 35 लोगों से संपर्क किया तथा उनका मूल पासपोर्ट और रिज्यूम व दस्तावेज आईडी आदि ले लिए और नौकरी दिलाने के नाम पर उनसे 100000 की डिमांड की, उक्त डिमांड के ऐवज में उसने इन सभी व्यक्तियों से करीब 35000- 35000 रुपए शुरू में ले लिए थे तथा उन सभी व्यक्तियों का पासपोर्ट , रिज्यूम तथा अन्य दस्तावेज आईडी अपने पास रख लिये।
इन सभी लोगों से वह नगद पैसे लिया करता था, इनमें से कुछ लोगों से पैसे उसने अपने एक्सिस बैंक के अकाउंट में भी लिए थे तथा इन पैसों को उसने अपने दूसरे बैंक इंडियन ओवरसीज बैंक टर्नर रोड के खाते में जमा कर लिया था। अधिकांश लोगों से लिए हुए पैसे उसने इन्हीं खातों में जमा किए हैं, जिसमें करीब साढे चार- पांच लाख रुपये है। पुलिस ने उसके पास से एक लैपटॉप, एक मोबाइल फोन 35 पासपोर्ट 16 रिज्यूम फॉर्म 9 फर्जी वीजा कनाडा व दुबई,तीन फर्जी विजा अप्रूवल लेटर समेत अन्य कागजात बरामद किए गऐ।
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