उत्तराखंड

2022 विधानसभा चुनाव के संबंध में यमकेश्वर क्षेत्र की जनता ने कहा कि भाजपा ही काग्रेंस और काग्रेंस ही भाजपा

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यमकेश्वर। 2022 के चुनाव का बिगुल बज चुका है, दोनों राष्ट्रीय पार्टियों ने अपने अपने प्रत्याशी तय कर लिये हैं। यूकेडी ने 01 माह पहले ही अपना प्रत्याशी घोषित कर दिया था, वहीं अभी आम आदमी पार्टी के पास यमकेश्वर मे अभी चेहरे या बागियों की तलाश में हैं। बीजेपी और कांग्रेस के ऐसे उम्मीदवारों को खोज रही है, जो दावेदार थे लेकिन उन्हें पार्टी ने टिकट नहीं दिया और वह बगावत करें तो उन्हें साधा जा सके।

जहॉ बीजेपी ने अपना पार्टी प्रत्याशी पूर्व कट्टर कांग्रेसी रेनू बिष्ट को पिछले निर्दलीय चुनाव में दूसरे नम्बर पर रहने और ठाकुर वोटरों को साधने के लिए अप्रत्याशित तरीके से पूर्व विधायक का टिकट काटकर प्रत्याशी बनाया है। वहीं दूसरी ओर काग्रेंस ने पूर्व भाजपा विधायक कोटद्वार शैलेन्द्र रावत को टिकट दिया है। वहीं यूकेडी ने पूर्व चेहरा शांति भट्ट को अपना प्रत्याशी बनाया है। दोनों दलों की ओर से प्रचार प्रसार शुरू हो गया है। सोशल मीडिया पर तमाम वार प्रतिवार शुरू हो गये हैं।

वहीं बीजेपी प्रत्याशी की घोषणा से यमकेश्वर के बीजेपी वरिष्ठ कार्यकर्ता सकते में हैं, और पार्टी के निर्णय पर ना खुलकर बोलने की स्थिति में है, और न ही खिलाफत करने की स्थिति में, वह अभी वॉच एण्ड वैट की स्थिति में है। जब हमारी टीम कल यमकेश्वर क्षेत्र के बीजेपी का गढ माने जाने वाला क्षेत्र डांडामण्डल में गये तो वहॉ यमकेश्वर के वरिष्ठ कार्यकर्ता महावीर कुकरेती जो कि सर्वे में दूसरे नम्बर पर थे उन्हें टिकट नहीं मिलने पर पूछा गया तो उन्होंने आक्रोश व्यक्त करते हुए कहा कि पार्टी हाईकमान ने वरिष्ठ कार्यकर्ताओं को नजरअंदाज कर यह अप्रत्याशित निर्णय जनहित में नहीं लिया गया है, इसका खामियाजा पार्टी को भुगतना पड़ सकता है, इस तरह के निर्णय कार्यकर्ताओं का मनोबल गिराते है।

वहीं दूसरी ओर क्षेत्र में विकास व अन्य मुद्दों पर आमजनमानस का कहना है कि इस बार जनता परिवर्तन के मूड़ में है, स्थानीय निवासी सुबोध का कहना है कि इस बार बीजेपी ही कांग्रेस है, और कांग्रेस ही बीजेपी है, इस बार यमकेश्वर में पार्टी के नाम से नहीं बल्कि चेहरे पर मतदान होगा। अन्य का कहना है कि बीन नदी पुल, कौड़िया किमसार मोटर मार्ग, स्वास्थ्य के संबंध में उनका कहना है कि एक दिन के लिए सरकार ने किराये के ड्राईवर रखकर जनता को दिखाने के लिए एम्बूलेंस अस्पताल में भेजी और अगले दिन वापिस हो गयी। उन्होंने कहा कि क्षेत्र में विकास की बात करने वाला और पिछले पॉच सालों में जनता के बीच रहने वाला व्यक्ति ही इस बार विधानसभा में नेतृत्व करेगा।

वहीं इस बार बीजेपी के अप्रत्याशित फैसला यूकेडी के पक्ष में जाता दिखाई दे रहा है, इस बार यूकेडी का मत प्रतिशत बढता दिख रहा है। यदि काग्रेंस से टिकट नहीं मिलने की स्थिति में द्वारीखाल ब्लॉक प्रमुख के संबंध में जिस तरह से खबरें उनके निर्दलीय लड़ने की आ रही हैं, इससे बीजेपी को सीधा फायदा मिलेगा, लेकिन वही द्वारीखाल से बीजेपी का मत प्रतिशत घट जायेगा। लेकिन इसका फायदा यूकेड़ी को मिलता नजर आ रहा है।

वहीं प्रत्याशियों की बात की जाय तो बीजेपी से प्रत्याशी बनी रेणू बिष्ट को पिछले 2017 में दूसरे नम्बर पर रहने का फायदा कम मिल पायेगा इसका कारण पिछले 05 सालों में उनका क्षेत्र में सक्रियता नहीं रही है। वहीं उनको बीजेपी होने का फायदा जरूर मिलेगा लेकिन उनके पास गिनाने के लिए मोदी और योगी के सिवाय कोई अन्य उपलब्धि नहीं है। वहीं दूसरी ओर कांग्रेस के प्रत्याशी शैलेन्द्र रावत को पार्टी कैडर से ज्यादा उनके व्यक्तिगत चेहरे पर ज्यादा मिल सकता है। बीजेपी से नाराज कुछ मतदाता यूकेडी के पक्ष में जाता दिखाई दे रहा है। वही आम आदमी पार्टी अपनी नजर नाराज दावेदारों पर लगाई बैठी है, और अभी तक वह अपना पार्टी का उम्मीदवार घोषित नही ंकर पायी है। यमकेश्वर के मैदान से इस बार कौन कौन मैदान में होगा यह नामांकन के बाद पता लगेगा।



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