उत्तराखंड

वैक्सीनेशन और जांच में ली जा रही छात्रों की भी मदद

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रुड़की। कोरोना का नया वैरिएंट मिलने के बाद स्वास्थ्य विभाग ने टेस्टिंग और वैक्सीनेशन पर ज्यादा जोर देना शुरू किया है। इसमें नर्सिंग और बीएएमएस के छात्रों की भी मदद ली जा रही है। सरकारी विभागों में जाकर कर्मचारियों की कोविड जांच की जा रही है। साथ ही छह से आठ दिसंबर तक वैक्सीनेशन का महाभियान चलाने की तैयारी की जा रही है।
देश में भी कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रोन की दस्तक के साथ ही स्वास्थ्य विभाग ने कोविड जांच और वैक्सीनेशन बढ़ा दिया है। कोविड जांच के लिए दो टीमें अब तक बनाई गई थी। इन टीमों ने शुक्रवार से सरकारी विभागों में जाकर कर्मचारियों की जांच शुरू कर दी। इसके साथ ही दो और टीमें बनाई गई हैं। शनिवार से चार टीमें कोविड जांच करेगी।

सरकारी कार्यालय, डिग्री कॉलेजों में पहले सैंपल लिए जाएंगे। इसके साथ ही वैक्सीनेशन का काम तेज किया जा रहा है। इसके लिए 25 टीमें बनायी गई हैं। स्वास्थ्य विभाग का लक्ष्य उन लोगों को वैक्सीन लगाने का है, जिनको दूसरी डोज लगाने की समय सीमा हो चुकी है। लेकिन वह इसके लिए आगे नहीं आ रहे हैं। करीब 35 हजार लोग ऐसे हैं जिनकी दूसरी डोज की तारीख आ गई है पर वह टीका लगाने से कतरा रहे हैं। ऐसे लोगों से फोन पर संपर्क किया जा रहा है। छह, सात और आठ दिसंबर को वैक्सीनेशन के लिए महा अभियान चलाया जाएगा। स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि पहला टीका लगभग सभी को लग चुका है। दूसरा टीका लगवाने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। पाडली गुर्जर, तेलीवाला, रामनगर, पठानपुरा आदि क्षेत्रों में दूसरी डोज लगाने वालों की संख्या कम हैं। यहां खासतौर पर फोकस किया जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग ने एक निजी मेडिकल कॉलेज के बीएएमएस और नर्सिंग छात्रों को भी कोविड जांच और वैक्सीनेशन में लगाया गया है। शुक्रवार को उन्हें प्रशिक्षण दिया गया। सेशन साइट व्यवस्थापक रामकेश गुप्ता ने बताया कि कोविड जांच और वैक्सीनेशन पर फोकस किया जा रहा है। जो लोग दूसरा टीका नहीं लगा रहे हैं उन्हें टीका लगवाने को कहा जा रहा। उनका कहना है कि अगर दूसरा टीका समय पर नहीं लगा तो पहले टीके का असर कम हो सकता है।



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