उत्तराखंड

जेलेंसकी का जज्बा: कीव कब्जे की आशंका के बीच खुद उतरे मैदान में,कहा किसी भी स्थिति में नही छोड़ेंगे देश

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कीव। एक तरफ रूस अपनी बर्बरता से यूक्रेन पर हमला बोल रहा है,वही दूसरी तरफ यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की युद्ध की भयावह स्थिति के बीच भी अपने सैनिको और नागरिको का हौसला बढ़ा रहे है। यूक्रेन के आत्मविश्वास का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है की रूस जैसे बड़े और ताकतवर देश के हमले के बावजूद यूक्रेन झुकने का नाम नहीं ले रहा है। यूक्रेन का कहना है कि वो किसी भी कीमत पर सरेंडर नहीं करेंगे। इस पूरे फैसले में सबसे बड़ा नाम यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की का है, जो लगातार अपनी सेना का मनोबल बढ़ा रहे हैं और मदद के लिए अलग-अलग देशों से बात कर रहे हैं। 

यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेसकी सैनिक की वर्दी पहन उनके बीच जाकर उनका मनोबल बढ़ा रहे है साथ ही उन जगहो का निरिक्षण भी किया जहाँ रुसी सेना ने हमला बोला था। रूस के हमले के तुरंत बाद जेलेंसकी ने अमेरीकी राष्ट्रपति जो बाईडन से भी बात की थी।वो लगातार पड़ोसी देशो से बात कर रहे है। लेकिन युद्ध की भयावह स्थिति के बीच किसी भी देश से उन्हें सहयोग नहीं मिला। जिसके बाद खबर आ रही थी कि जेलेंसकी देश छोड़ रहे है।

गौरतलब है की देखते ही देखते यह अफवाह आग की तरह फैलने लगी थी। जिसके बाद जेलेंसकी ने देर रात सोशल मिडिया पर एक वीडियो ,मैसेज शेयर किया जिसमे उन्होंने कहा की ‘हम कीव में है हमारा पूरा परिवार यही है। आगे उन्होंने कहा की मेरा परिवार व मै यूक्रेन के नागरिक है हम किसी भी परिस्थिति में देश नहीं छोड़ेगे। इस वीडियो में उनके साथ प्रधानमंत्री, चीफ ऑफ स्टाफ और राष्ट्रपति भवन के कुछ अन्य अधिकारी भी नजर आये।’ 

इससे पहले भी की थी भावुक अपील- जेलेंस्की ने इससे पहले भी एक भावुक अपील की थी। इसमें उन्होंने कहा था कि, मैं यूक्रेन में ही हूं। मेरा परिवार भी यहीं हैं। हमारा परिवार गद्दार नहीं है। वे सब यूक्रेन के नागरिक हैं। हमें जानकारी मिली है कि रूस का पहला टारगेट में हूं और दूसरा मेरा परिवार।

गौरतलब है की नाटो की तरफ से रूस को कड़ी चेतावनी दी गई है। नाटो ने यूक्रेन पर हुए हमले की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि, रूस की सेना को तुरंत प्रभाव से यूक्रेन को छोड़ देना चाहिए। नाटो के सेक्रेट्री जनरल जेन्स स्टॉल्टेंबर्ग ने कहा कि, यूक्रेन पर रूस अपनी ताकत का इस्तेमाल कर रहा है। रूस की ये कार्रवाई अंतरराष्ट्रीय नियमों का उल्लंघन है। नाटो ने यहां तक चेतावनी दी है कि अगर रूस ने सैन्य कार्रवाई को नहीं रोका तो उसे इसका खामियाजा भुगतना पड़ सकता है।



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