सीएम धामी ने केन्द्रीय मंत्री से की प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के मानकों में छूट देने की मांग, 250 की जगह मानक 150 करने की मांग
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मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य की भौगोलिक परिस्थिति वाले सीमांत क्षेत्रों में 150 से 250 तक की आबादी वाले गांवों को प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के अधीन सड़क से जोड़ने के लिए मानकों में छूट दिए जाने का अनुरोध किया है। अभी तक 250 से अधिक आबादी वाले गांवों को ही इस योजना में शामिल किया गया है। इसके अलावा सड़क कार्यों को पूर्ण करने की समय सीमा बढ़ाए जाने और योजना के अधीन व्यय होने वाली धनराशि की समय सीमा भी बढ़ाए जाने की मांग केंद्र से की गई है। मुख्यमंत्री धामी से रविवार को मुख्यमंत्री आवास स्थित कैंप कार्यालय में केंद्रीय ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज मंत्री गिरिराज सिंह ने भेंट की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य की विपरीत भौगोलिक परिस्थिति, पर्वतीय क्षेत्रों में भारी बरसात, अत्यधिक ठंड और सड़कों के लिए वन एवं पर्यावरण से संबंधित स्वीकृतियों आदि में समय लगने के कारण निर्माण कार्यों के लिए समय कम मिल पाता है। इसके लिए मुख्यमंत्री ने केंद्रीय मंत्री से पीएमजीएसवाई के कार्यों को पूरा करने की समय सीमा मार्च 2023 तक बढ़ाए जाने, योजना के अधीन व्यय होने वाली धनराशि की समय सीमा को भी सितंबर, 2022 से मार्च 2023 तक बढ़ाए जाने का अनुरोध किया।
मुख्यमंत्री ने पंचायत भवनों के निर्माण, कंप्यूटरीकरण एवं स्वच्छता के लिए भी अतिरिक्त धनराशि उपलब्ध कराए जाने का अनुरोध केंद्रीय मंत्री से किया। इस दौरान केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने पीएमजीएसवाई की सड़कों की गुणवत्ता एवं रखरखाव के साथ ही सड़कों के निर्माण में नई तकनीकि के उपयोग पर ध्यान देने की जरूरत बताई। उन्होंने प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत निर्मित होने वाले भवनों के निर्माण भी तेजी लाए जाने की अपेक्षा की।
केंद्रीय मंत्री ने मुख्यमंत्री को उनकी ओर से उठाए गए विषयों पर आवश्यक कार्यवाही का आश्वासन दिया। उन्होंने पीएमजीएसवाई के तहत सड़कों के निर्माण में नई तकनीकि के उपयोग आदि में सहयोग के लिए राज्य के साथ टेक्नोलॉजी वर्कशाप के आयोजन की भी बात कही।
इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज, गणेश जोशी, अपर मुख्य सचिव आनंद बर्धन, सचिव नितेश झा, आरमीनाक्षी सुंदरम, केंद्रीय संयुक्त सचिव पंचायती राज प्रेम नागर, अपर सचिव एवं एमडी पेयजल एवं पीएमजीएसवाई उदय राज, निदेशक पंचायतीराज बंशीधर तिवारी आदि उपस्थित थे।
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