उत्तराखंड

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह इस बार उत्‍तराखंड में सैनिकों के साथ मनाएंगे दशहरा, देश के अंतिम गावं माणा भी जाएंगे रक्षामंत्री

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देहरादून। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह उत्तराखंड में चीन सीमा पर स्थित अग्रिम चौकी पर सेना व आईटीबीपी के जवानों के साथ विजयादशमी मनाएंगे। इस अवसर पर वह सेना के शस्त्र पूजन कार्यक्रम में भी हिस्सा लेंगे। उनका बदरीनाथ दर्शन का भी कार्यक्रम है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राजनाथ सिंह के दौरे की पुष्टि की है। उन्होंने बताया अपने दो दिवसीय दौरे पर राजनाथ मंगलवार को जौलीग्रांट स्थित देहरादून एयरपोर्ट पर पहुंचेंगे। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी एयरपोर्ट पर उनका स्वागत करेंगे। यहां से रक्षा मंत्री देहरादून में सेना से जुड़े एक कार्यक्रम में भाग लेंगे। वह गढ़ी कैंट स्थित सेना के गेस्ट हाउस में रात्रि विश्राम करेंगे। बुधवार को वह सुबह बदरीधाम पहुंचेंगे। यहां बदरीनाथ धाम में दर्शन करेंगे। उनका चमोली जिले के माणा से चीन सीमा पर सेना की रताकोण पोस्ट पर सैनिकों के साथ विजयदशमी पर्व मनाने का कार्यक्रम है । वहां से लौटकर वह जौलीग्रांट एयरपोर्ट से दिल्ली रवाना हो जाएंगे।

केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह पांच अक्टूबर को चमोली जिले के माणा और औली में सीमा चौकियों पर सेना के जवानों के साथ दशहरा मनाएंगे। इसके बाद इसी दिन बदरीनाथ धाम में पूजा-अर्चना भी करेंगे। प्रशासन की ओर से रक्षा मंत्री के कार्यक्रम की पुष्टि की है। बताया गया कि रक्षा मंत्री बुधवार को सुबह साढ़े आठ बजे औली पहुंचेंगे। यहां पर सेना के जवानों की ओर से आयोजित दशहरा कार्यक्रम में भाग लेंगे और इसके बाद माणा रवाना होंगे।

राजनाथ सिंह बदरी विशाल की करेंगे पूजा-अर्चना
यहां पर वे सेना की अग्रिम चौकियों का निरीक्षण करने के साथ ही सेना के जवानों के दशहरा भी मनाएंगे। इसके बाद रक्षा मंत्री बदरीनाथ में भगवान बदरी विशाल की पूजा-अर्चना करेंगे। बदरीनाथ धाम में दर्शन के बाद उसी दिन देहरादून के रवाना हो जाएंगे।

चमोली जनपद की सीमा सर्वाधिक संवेदनशील
बता दें कि उत्तराखंड में चीन से सटी चमोली जनपद की सीमा सर्वाधिक संवेदनशील है। चमोली की मलारी घाटी में स्थित बाड़ाहोती में चीन ने वर्ष 2014 से 2018 तक दस बार घुसपैठ की थी। इन्‍हें आइटीबीपी के जवानों ने नाकाम कर दिया। बाड़ाहोती में सेना और आइटीबीपी हमेश सतर्क रहती है।

18 हजार फुट की ऊंचाई पर स्थित है माणा गांव
भारत का अंतिम गांव माणा चमोली जनपद में बदरीनाथ से तीन किमी दूर 18 हजार फुट की ऊंचाई पर स्थित है। यह अपनी अनूठी परंपराओं के लिए जाना जाता है। यहां रडंपा जनजाति के लोग रहते हैं।



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