करप्शन पर सीएम धामी का कड़ा प्रहार, आईएएस अधिकारी रामविलास यादव निलंबित, अब तक 8 भ्रष्टाचारी जा चुके हैं सलाखों के पीछे
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देहरादून। मुख्यसेवक पद की शपथ लेने के बाद से ही सीएम पुष्कर सिंह धामी उत्तराखंड को भ्रष्टाचार मुक्त बनाने में जुटे हुए हैं। राज्य में भ्रष्टाचार के मामलों पर गंभीरता से काम करते हुए दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जा रही है। इसी कड़ी में सीएम धामी ने आय से अधिक संपत्ति रखने के आरोप में आईएएस रामविलास यादव को निलंबित कर दिया है। राम विलास यादव के निलंबन के साथ ही धामी सरकार ने कड़ा संदेश दिया है उन अधिकारियों-कर्मचारियों को जो सरकार की भ्रष्टाचार मुक्त उत्तराखंड की मुहिम में रोड़ा बने हुए हैं। सीएम धामी के दूसरे कार्यकाल की शुरुआत से ही अब तक सरकारी विभागों के 8 लोगों पर कारवाई कर जेल भेजा जा चुका है। मुख्यमंत्री के निर्देश पर विजिलेंस की कुमाऊ यूनिट ने 3 और गढ़वाल यूनिट ने 5 अधिकारी कर्मचारियों को सलाख़ों के पीछे पहुँचाया है। बीते माह राज्य सरकार द्वारा भ्रष्टाचार की शिकायत के लिए 1064 टोल फ़्री नम्बर और मोबाइल एप्प भी बनाया गया है।
आपको बता दें कि आईएएस राम विलास यादव उत्तराखंड सरकार में समाज कल्याण विभाग में अपर सचिव के पद पर कार्यरत हैं। पूर्व में यादव उत्तर प्रदेश सरकार में लखनऊ विकास प्राधिकरण के सचिव भी रह चुके है। इनके खिलाफ लखनऊ में एक व्यक्ति द्वारा आय से अधिक सम्पति रखने की शिकायत दर्ज की थी। इसके आधार पर उत्तराखंड सरकार ने जांच शुरू की। विजिलेंस टीम ने इनके लखनऊ, देहरादून और गाजीपुर ठिकानों पर छापा मारा, जिसमे संपत्ति संबंधित कई दस्तावेज मिले। जांच करने पर इनके खिलाफ आय से 500 गुना अधिक संपत्ति मिलने की बात सामने आई है। इसके आधार पर सरकार ने इनके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था। जिसके बाद आज सरकार द्वारा उन्हें निलंवित कर दिया गया।
हाईकोर्ट ने आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के मामले में राहत नहीं मिलने के बाद सीनियर आईएएस अफसर राम विलास यादव बुधवार दोपहर को विजिलेंस के सामने पेश हुए। बता दें कि नैनीताल हाईकोर्ट में मंगलवार को मामले को सुनने के बाद वरिष्ठ न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी की एकलपीठ ने सरकार से 23 जून तक स्थिति स्पष्ट करने के आदेश दिए हैं। कोर्ट ने यादव से कहा है कि वह कल (बुधवार) तक अपने बयान विजिलेंस के सामने दर्ज कराएं। मामले की अगली सुनवाई 23 जून की तिथि नियत की है।
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