उत्तराखंड

अमेरिकी महिलाएं अब कैसे कराएंगी गर्भपात, प्रग्नेंसी को खत्म करने के लिए बढ़ेगा पिल्स का इस्तेमाल?

[ad_1]

वॉशिंगटन। अमेरिका के उच्चतम न्यायालय ने रो बनाम वेड मामले में दिए गए फैसले को पलटते हुए गर्भपात के लिए संवैधानिक संरक्षण को समाप्त कर दिया है। इस घटनाक्रम से लगभग आधे राज्यों में गर्भपात पर प्रतिबंध लगने की उम्मीद है। यह निर्णय कुछ साल पहले तक अकल्पनीय था। उच्चतम न्यायालय का फैसला गर्भपात विरोधियों के दशकों के प्रयासों को सफल बनाने वाला है।
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा कि वह उन राज्यों में गर्भपात संबंधी नियमों के मद्देनजर महिलाओं के अधिकारों के संरक्षण के लिए अपनी क्षमतानुसार हरसंभव प्रयास करेंगे, जहां इन्हें प्रतिबंधित किया जाएगा। बाइडन ने कहा कि राजनेताओं को उन फैसलों में हस्तक्षेप की अनुमति नहीं दी जाएगी जोकि एक महिला और उसके चिकित्सक के बीच होगा। अमेरिकी राष्ट्रपति ने अदालती फैसले को गलत करार दिया है। उन्होंने गर्भपात के लिए संवैधानिक सुरक्षा की वकालत करने वालों से अपील की कि वे केवल शांतिपूर्ण तरीके से विरोध-प्रदर्शन करें।

इन राज्यों की महिलाएं गर्भपात के लिए क्या करेंगी?
गर्भपात विरोधी कानून राष्ट्रीय नहीं है। कुछ डेमोक्रेटिक-नेतृत्व वाले राज्यों जैसे कैलिफोर्निया और न्यूयॉर्क ने प्रजनन अधिकारों का विस्तार किया है। ऐसे में प्रतिबंध वाले राज्यों में गर्भवती महिलाओं को गर्भपात की सुविधा के लिए सैकड़ों मील की यात्रा करनी पड़ेगी या फिर दवा व अन्य तरीकों का उपयोग करके घर पर ही गर्भपात करना होगा।
रिसर्च से पता चलता है कि वैध हो या नहीं, लोग गर्भपात कराते हैं। जिन देशों में गर्भपात की पहुंच सीमित या गैरकानूनी है, वहां महिलाओं को संक्रमण, अत्यधिक रक्तस्राव और गर्भाशय वेध जैसी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। रिपोर्ट में कहा गया है कि जिन लोगों को गर्भावस्था को पूर्ण अवधि तक ले जाना चाहिए, उनमें गर्भावस्था से संबंधित मौतों की संभावना अधिक होती है।

क्या अबॉर्शन पिल्स पर भी लगेगा बैन?
अमेरिका में अबॉर्शन पिल्स के जरिए गर्भावस्था को समाप्त करने का सबसे आम तरीका रहा है। कोरोना वायरस महामारी के दौरान इसमें और भी अधिक तेजी आई है। इस दौरान खाद्य एवं औषधि प्रशासन की ओर से इन दवाओं की आपूर्ति भी बढ़ाई गई है। कई राज्य जो गर्भपात को प्रतिबंधित करते हैं, वे दवा के जरिए भी गर्भपात को रोकने की कोशिश कर रहे हैं। ऐसे में इन दवाओं की उपलब्धता को रोकना भी चुनौती होगी। हालांकि, अभी तक इस पर कोई अंतिम फैसला नहीं हुआ है।

डोनाल्ड ट्रंप ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले की सराहना की
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने उच्चतम न्यायालय के फैसले की सराहना की। उन्होंने कहा कि यह फैसला प्रत्येक व्यक्ति के हित में है। यह फैसला संविधान का पालन और अधिकारों को बहाल करने जैसा है, जोकि बहुत पहले आ जाना चाहिए था। उधर, इस फैसले के खिलाफ उच्चतम न्यायालय के बाहर विरोध-प्रदर्शन की आशंका के चलते पुलिस ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए हैं। पुलिस का कहना है कि वाशिंगटन में अन्य स्थानों पर भी सुरक्षा व्यवस्था को कड़ा किया जा रहा हैं और ऐसे स्थानों पर अतिरिक्त सुरक्षाकर्मियों की तैनाती की जा रही है, जहां व्यापक विरोध-प्रदर्शन होने की आशंका है।



[ad_2]

Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *